उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान का दौरा किया
- देश के विकास में किसानों और खेती से जुड़ी संस्थाओं का बड़ा योगदान- उपराष्ट्रपति
- भारत किसानों की बदौलत है - उपराष्ट्रपति
- कृषि में बदलाव की आवश्यकता है, कृषि वैज्ञानिक बनें बदलाव के प्रेरक – उपराष्ट्रपति श्री धनखड़
- केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान पहुंचने पर केंद्रीय विद्यालय के छात्रों ने उपराष्ट्रपति का जोरदार स्वागत किया
- देश के विकास में किसानों और खेती से जुड़ी संस्थाओं का बड़ा योगदान- उपराष्ट्रपति
- भारत किसानों की बदौलत है - उपराष्ट्रपति
- कृषि में बदलाव की आवश्यकता है, कृषि वैज्ञानिक बनें बदलाव के प्रेरक – उपराष्ट्रपति श्री धनखड़
- केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान पहुंचने पर केंद्रीय विद्यालय के छात्रों ने उपराष्ट्रपति का जोरदार स्वागत किया
भारत के उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़, डॉ (श्रीमती) सुदेश धनखड़ के साथ अपने एक दिवसीय दौरे पर आज राजस्थान पहुंचे। जयपुर एयरपोर्ट पहुंचने पर राजस्थान के राज्यपाल, श्री कलराज मिश्र एवं राजस्थान सरकार में मंत्री श्री महेंद्रजीतसिंह मालवीय जी द्वारा उनका स्वागत किया गया।
इसके बाद उपराष्ट्रपति केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर गए जहां केंद्रीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा उनका जोशीला स्वागत किया गया। माननीय उपराष्ट्रपति ने संस्थान द्वारा विकसित की गयीं उन्नत नस्ल की भेड़ों और उत्पादों का निरीक्षण किया और संस्थान के निदेशक, वैज्ञानिकों और स्टाफ के साथ मुलाकात कर उन्हें संबोधित किया।
अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति जी ने केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान के द्वारा किये जा रहे कामों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि G-20 में भारत के विकास का डंका देख कर सब दंग रह गए हैं। वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष ने कहा है कि भारत में जो विकास पिछले 6 वर्ष में हुआ है वह 50 वर्ष में भी नहीं हो सकता था। उन्होंने आगे यह भी कहा कि इसमें सबसे बड़ा योगदान किसानों का है और खेती से जुड़ी आप जैसी संस्थाओं का है।
उपराष्ट्रपति ने कहा भारत देश किसान की बदौलत है। हमारे यहाँ 1 अप्रैल, 2020 से 80 करोड़ लोगों को सरकार की ओर से फ्री चावल, गेहूं, दाल मिल रहे हैं। ये दम हमारे किसानें का है, और ये राशन किसानों की बदौलत ही मिल पा रहा है।
कृषि में बदलावों की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि भारत के किसान को बदलने की जरूरत है और उन्होंने खुशी व्यक्त की कि ये बदलाव आ रहा है। उपराष्ट्रपति ने देश के कृषि वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे इस बदलाव का प्रेरक बनें।
इस अवसर पर टोंक के सांसद, श्री सुखबीर सिंह जौनपुरिया, CSWRI के निदेशक, डॉ. अरुण कुमार तोमर, संस्थान के वैज्ञानिक, शोधार्थी व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
Follow Us