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उपराष्ट्रपति ने जयपुर में बांध सुरक्षा पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया

 

उपराष्ट्रपति ने जयपुर में बांध सुरक्षा पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया



  • बांधों की सुरक्षा राष्ट्र की समृद्धि को सुनिश्चित करती है- उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़
  • बांध मानवता के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं- उपराष्ट्रपति
  • बांध ऐतिहासिक रूप से सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का केंद्र बिंदु रहे है– उपराष्ट्रपति
  • भारत की सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन और समृद्ध सभ्यता है - उपराष्ट्रपति
  • भारत में जल प्रबंधन की जड़े सदियों पुरानी है – उपराष्ट्रपति
  • माननीय उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रीय जल मिशन के तहत विनाइल रैपिंग की गई ट्रेन को जयपुर से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।


भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज जयपुर में बांध सुरक्षा पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि बांधों की सुरक्षा राष्ट्र की समृद्धि को सुनिश्चित करती है।

जी-20 की थीम- एक पृथ्वी, एक परिवार एक भविष्य का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जी-20 के सफल आयोजन ने पूरी दुनिया को हमारी महान सांस्कृतिक विरासत, सदियों पुरानी समृद्ध परंपरा और भारतीय संस्कृति के जीवन मूल्यों से परिचित कराया। आज पूरी दुनिया हमारा लोहा मान रही है।

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आगे कहा कि बांध ऐतिहासिक रूप से पूरी दुनिया में सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का केंद्र बिन्दु रहे है। बांध मानवता के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं, बांध समाज के लिए जल की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं, जिससे सिंचाई होती है, अनाज उगता है और पूरी मानवता का पेट भरता है।

श्री धनखड़ ने खुद को कृषक पुत्र बताते हुए और ग्रामीण परिवेश का होने का जिक्र करते हुए कहा कि मुझे पानी का महत्व पता है कि किसान के लिए पानी की कीमत क्या होती है, ये मैं भलीभाँति जानता हूँ, उन्होंने कहा बांध हमें न सिर्फ बाढ़ जैसी विभीषिका से बचाते हैं बल्कि लाखों लोगों के जीवन के साथ-साथ देश की अमूल्य संपत्ति की भी रक्षा करते हैं।

भारत की सभ्यता दुनिया की सबसे प्राचीन और समृद्ध सभ्यता है, हमारी सभ्यता पाँच हजार सालों से भी अधिक प्राचीन है, हमारी सभ्यता नदियों के किनारे ही फली-भूली है। नदियों ने अपने जल से सभ्यता को सींचा है। आगे जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में जल प्रबंधन की जड़े सदियों पुरानी है, भारती की सभ्यता में जल प्रबंधन के बेजोड़ उदाहरण उपलब्ध हैं।

अपनी इस यात्रा के दौरान श्री जगदीप धनखड़, माननीय उपराष्ट्रपति ने जल शक्ति मंत्रालय के राष्ट्रीय जल मिशन का संदेश प्रदान करने के उद्देश्य से गाडी संख्या 15667/68, कामाख्या एक्सप्रेस के विनायल रैपिंग किए गए रेक को वाराणसी स्टेशन पर जयपुर से वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रेलेव द्वारा आमजन को जल संरक्षण का संदेश प्रदान करने तथा जीवन में जल के महत्व को प्रदर्शित करने के लिए गाडी संख्या 15667/68, कामाख्या एक्सप्रेस और गाडी संख्या 16317/18, हिमसागर एक्सप्रेस के रेक पर विनायल रैपिंग की गई है।

इस अवसर पर माननीय केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, त्रिपुरा के माननीय मुख्य मंत्री डॉ. माणिक साहा, कर्नाटक के माननीय उप मुख्यमंत्री श्री डी.के. शिवकुमार, माननीय मंत्री, राजस्थान सरकार, मुख्य सचिव राजस्थान सरकार, व कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।