स्वर्गीय श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित जी |
- इन्होंने संस्कृत भाषा व भारतीय संस्कृति की सेवा हेतु अपना बहुमूल्य योगदान दिया था।
- संस्कृत भाषा और सनातन संस्कृति के उत्थान के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने एवं सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य भी थे
- उन्होंने राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा में 121 पुरोहितों का नेतृत्व किया था।
- उनकी आयु 86 वर्ष थी और वह भारतीय सनातन परंपरा के प्रकांड विद्वान माने जाते थे.
- पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के निर्देशन में ही 121 आचार्यों की टीम ने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान कराया था.
- प्राण प्रतिष्ठा के समय जो पांच लोग मंदिर के गर्भ गृह में थे, उनमें से एक पंडित लक्ष्मीकांत भी थे.
- मूल रूप से शोलापुर से उनका परिवार काशी आया था और कई पीढ़ियों से यहां रह रहा था. वो सांगवेद महाविद्यालय के आचार्य भी थे.
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