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1975 में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अंधेरे में चला गया था;भारत में आपातकाल की पुनरावृत्ति नहीं होगी - उपराष्ट्रपति| In 1975, the world's largest democracy went into darkness; Emergency will not be repeated in India - Vice President

 

  • उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत में संवैधानिक प्रजातंत्र की नींव बेहद मज़बूत है
  • उपराष्ट्रपति ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL)  के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित किया, CEL को मिनीरत्न कंपनी का दर्जा मिला
  • उपराष्ट्रपति ने कहा कि कुछ वर्ष पहले घाटे में चलने वाली CEL का लाभ देने वाली मिनीरत्न बनना बहुत उत्साहजनक है
  • CEL रोल मॉडल है, दूसरों को इसकी सफलता से प्रेरणा और ऊर्जा लेनी चाहिए – उपराष्ट्रपति
  • आज प्रौद्योगिक हमारे जीवन एक अभिन्न अंग; तकनीक और नवाचार जीवन को बदलने का प्रभावी मार्ग - उपराष्ट्रपति
  • उपराष्ट्रपति ने ग्रीन उर्जा के के क्षेत्र में बैटरी और चार्जिंग तकनीक पर शोध पर बल दिया

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज कहा कि 1975 में आपातकाल लागू होने के कारण दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र अंधेरे में डूब गया था। आपातकाल के काले दिनों को याद करते हुए श्री धनखड़ ने कहा कि वे दिन फिर कभी नहीं देखने को मिलेंगे क्योंकि भारत में लोकतंत्र बहुत मजबूत है और अब गाँवराज्य और केंद्रीय स्तर पर संवैधानिक रूप से लोकतंत्र सुदृढ़ है।

उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईएल) के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुएश्री धनखड़ ने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों की भूमिका की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्हें नए भारत का निर्माता बताया।

सरकार द्वारा कुछ वर्ष पहले घाटे में चलने वाले उपक्रम CEL का विनिवेश करने की दिशा में कदम उठाये गये थे। लेकिन हाल ही में CEL ने बहुत उत्साहजनक प्रदर्शन करके लाभ अर्जित करने वाली मिनीरत्न कंपनी बन गयी। CEL को 'मिनीरत्नका दर्जा दिए जाने की सराहना करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि CEL अन्य सभी संस्थानों के लिए एक रोल मॉडल है और इसकी सफलता से प्रेरणा लेकर उन्हें आगे बढ़ना चाहिए।

इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीकआर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंससर्वेलांस और निगरानी जैसी तकनीक से बदलते सुरक्षा परिदृश्य को रेखांकित करते हुएश्री धनखड़ ने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा में सीईएल के रणनीतिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि, “सम्पूर्ण प्रौद्योगिकि और तकनीकी उन्नति के केंद्र में इलेक्ट्रॉनिक्स है। इलेक्ट्रॉनिक्स किसी भी भविष्य के तकनीकी विकास और विस्तार का मूल,आधार बनता है"

देश मे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उठाए गए कदमों की सराहना करते हुएश्री धनखड़ ने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारतहासिल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन और विनिर्माण के लिए स्वदेशी क्षमता निर्माण काफी महत्वपूर्ण है।

सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सीईएल द्वारा की गई उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित करते हुएउपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि नवीकरणीय ऊर्जा ही भविष्य है। उन्होंने कहा किसीईएल के नवाचारों ने स्थायी ऊर्जा समाधानों को आम आदमी के करीब ला दिया है।

इस अवसर पर केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह, CSIR के महानिदेशक डॉ कलाइसेल्वी, CEL के CMD श्री चेतन प्रकाश जैन व अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।