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कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग ने स्वच्छता और सुशासन के लिए विशेष अभियान चलाया

Wildlife Gallery “ARANYA” was inaugurated during Special Campaign for Swachhata 2.0 on the 2nd Floor of the New Customs House

कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग ने स्वच्छता और सुशासन के लिए विशेष अभियान चलाया


भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरआई) और उसके अधीनस्थ संगठनों जैसे आईसीएआर सहित केवीके, तीन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू), कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (एएसआरबी) और एग्रीनोवेट इंडिया लिमिटेड ने विशेष अभियान 2.0 की अगली कड़ी के रूप में 10 महीने तक स्वच्छता अभियान के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया।

इस अवधि के दौरान की गई गतिविधियां और प्राप्त उपलब्धियां

  • 1,363 जन शिकायतों का निपटारा किया गया।
  • 10,203 फाइलों को हटाया गया।
  • 353 सफाई/स्वच्छता अभियान चलाए गए।
  • 1,09,700 वर्ग फुट जगह खाली किया गया।
  • राजस्व के रूप में 68,89,879 रुपये की राशि सृजित की गई।
  • 171 वीआईपी संदर्भों का निपटारा किया गया।

इसके अतिरिक्त, स्वच्छ भारत अभियान के दौरान, विभिन्न आईसीएआर संस्थानों के परिसरों में निम्नलिखित गतिविधियां भी शुरू की गईं:

  • अपशिष्ट पदार्थों को बायोडिग्रेडेबल और गैर-बायोडिग्रेडेबल के रूप में अलग करना।
  • खाद और वर्मी-कंपोस्ट के रूप में खरपतवार, कचरा और अपशिष्ट प्रबंधन को हटाने सहित स्वच्छता गतिविधि का आयोजन।
  • प्लास्टिक मुक्त कैंपस अभियान।

इस अवधि के दौरान अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाएं:

आईसीएआर- सीआईपीएचईटी परिसर के परित्यक्त भूमि को एक्यूप्रेशर पार्क में परिवर्तित किया गया है। यह लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों में सुधार लाता है। पर्यावरण में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने के लिए कार्यालय के कमरों में 170 'इनडोर प्लांट पॉट' रखे गए हैं।

स्वच्छता अभियान के दौरान आईसीएआर- सीआईएफटी दल ने एर्नाकुलम की मरादू पंचायत में स्थित वलांथाकाडु द्वीप गांव में “प्लास्टिक को ना कहें” जागरूकता अभियान चलाया है।

आईसीएआर- सीएमएफआरआई, क्षेत्रीय स्टेशन, कालीकट ने “स्वच्छ भारत- स्वच्छ सागर” नारे के साथ एक चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया और तटीय एवं समुद्री प्रदूषण विषय पर स्कूली बच्चों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम और चित्रकला प्रतियोगिता आयोजित किया गया।
(घ) आईसीएआर-आईएआरआई, झारखंड ने अपशिष्ट उपयोग कार्यक्रम का आयोजन किया और खेत तथा घरेलू अपशिष्ट उत्पादों का उपयोग करते हुए वर्मीकम्पोस्टिंग का प्रदर्शन किया।


विभाग ने लंबित मामलों का निपटारा करने के लिए महीने भर चलने वाले विशेष अभियान 2.0 की अगली कड़ी के रूप में पिछले 10 महीनों से स्वच्छता पर अपनी कोशिशों को आगे बढ़ा रहा है। कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरआई) ने 02 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2022 तक स्वच्छता और सुशासन के लिए विशेष अभियान 2.0 भी चलाया।
विशेष अभियान 2.0 के दौरान, डीएआरआई और इसके स्वायत्त निकाय अर्थात भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विभिन्न गतिविधियां की गईं। पूरे देश में आईसीएआर के 113 संस्थान और 700 से ज्यादा कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) हैं। इस विशेष अभियान 2.0 के दौरान डीएआरआई/आईसीएआर के फील्ड/बाहरी कार्यालयों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस अवधि के दौरान प्राप्त की गई कुछ उपलब्धियां और सर्वोत्तम प्रथाएं निम्न प्रकार हैं:

विशेष अभियान 2.0 की उपलब्धियां

स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम में 91,000 से ज्यादा लोगों की भागीदारी।
केवीके द्वारा “फसल अवशेष प्रबंधन” से संबंधित लगभग 980 क्रियाकलापों का आयोजन किया गया, जिसमें 35,000 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, उनमें लगभग 28,000 किसान थे।
केवीके द्वारा ‘वेस्ट टू वेल्थ’ पर प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन करने के लिए लगभग 960 क्रियाकलापों का आयोजन किया गया। इन क्रियाकलापों में 22,000 से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया।
गांवों की सफाई अभियान में 38,000 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और इसे 1,800 से ज्यादा गांवों में शुरू किया गया, जिसमें स्कूली बच्चे, किसान और समाज के अन्य लोग शामिल हुए।
लगभग 28,000 स्कूली बच्चों को 790 से ज्यादा क्रियाकलापों के माध्यम से स्वच्छता, साफ-सफाई और शुचिता जैसे विभिन्न विषयों पर उन्मुख किया गया।
केवीके के 8,000 से ज्यादा कर्मचारी लगभग 2,290 विभिन्न क्रियाकलापों के माध्यम से कार्यालयों की सफाई और कबाड़ के निपटान में शामिल हुए।
इस विशेष अभियान के दौरान कार्यालय में कबाड़ के निपटान से 40.00 लाख रुपये का राजस्व सृजित किया गया।
विशेष अभियान 2.0 के दौरान अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाएं

कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) ने विषयगत क्षेत्रों में विभिन्न क्रियाकलापों में हिस्सा लिया। वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करके माइक्रोबियल आधारित ‘कृषि अपशिष्ट प्रबंधन’ के लिए गांवों को गोद लेना; स्वच्छता के लिए जागरूकता कार्यक्रम; स्वच्छता, साफ-सफाई और शुचिता जैसे विभिन्न विषयों पर स्कूली बच्चों का उन्मुखीकरण; कार्यालयों और परिसरों की सफाई और कबाड़ का निपटान आदि।

38,000 से ज्यादा प्रतिभागियों की भागीदारी के साथ केवीके ने "वर्मीकम्पोस्ट तकनीक का उपयोग करके कृषि अपशिष्ट प्रबंधन" को बढ़ावा देने के लिए 1,200 से ज्यादा गांवों को गोद लिया।